स्वर्णलोचन वटी बनाने की विधि
क्या आप प्राइवेट पार्ट की नसें में आयी कमजोरी से परेशान है ??
अगर किसी भी कारण से प्राइवेट पार्ट की नसें में आयी कमजोरी ठीक नहीं हो पा रही है तो आप स्वर्णभस्म युक्त दवा ले
सकते हैं लेकिन आपको यह पता होना बहुत जरूरी है कि आयुर्वेद के अनुसार स्वर्णभस्म युक्त दवा कब ले सकते हैं
जब प्राइवेट पार्ट की नसें में बहुत अधिक कमजोरी हो
जब दूसरी दवाओं का कोई भी असर नहीं हो रहा हो
कमजोरी का स्थायी इलाज करने के लिए
अगर आप प्राइवेट पार्ट की नसें की कमजोरी के लिए आयुर्वेदिक दवा बनाना चाहते हैं तो आप इस तरीके से बना सकते
हैं :
आयुर्वेदिक घटक :-
स्वर्ण भस्म – 0.2 ग्राम
पन्ना पिषति -01 ग्राम
चांदी भस्म – 01 ग्राम
लौह भस्म -01ग्राम
शोधित शिलाजीत – 80 ग्राम
नागभस्म – 01ग्राम
शुद्ध हिंगुल -10 ग्राम
केसर – 1 ग्राम
अरकरा -20 ग्राम
मुलहठी -25 ग्राम
तालमखाना – 1 ग्राम
वंशलोचन – 1 ग्राम
सालमपंजा – 50 ग्राम
इलाइची – 05 ग्राम
बनाने की विधि :-
सबसे पहले शिलाजीत को हल्का कूट कर नरम कर ले
अब सभी सामग्रियों को पत्थर के खरल में खरल कर एकदम महीन कर अलग रख ले
अब इन सामग्रियों के पाउडर को शिलाजीत में मिला ले
पानी की कुछ बूंदों का उपयोग करते हुए छोटी – छोटी 280 गोलिया बना लें और 1–2 घंटे के लिए छाया में
सुखाये
दवाई बनाते समय सावधानिया :-
पत्थर का खरल ही उपयोग करे
शोधित शिलाजीत ही लें, सामान्य शिलाजीत नहि
सभी सामग्रियों का पाउडर बहुत ही बारीक हो
गोलियां बनाने के बाद छाया में ही सुखाये धुप में नहीं
अब आपका स्वर्ण भस्म वाला नुस्खा तैयार हो गया है जो नपुंसकता का इलाज करेगा
सेवन की विधि :- सुबह 2 और रात के समय 2 गोळी
खाने का तरीका : खाना खाने के एक घंटे बाद गुनगुने दूध के साथ्
आवृति : एक दिन में दो बार
सेवन अवधि : 70 दिन
परहेज और सावधानियां :
मछली और शराब का परहेज,
दवा लेने के बाद एक घंटे तक पानी न लेना
अगर आप अपनी जिंदगी जीने का आनंद नहीं ले पा रहे हैं तो इस बात के दो मतलब हो सकते है : पहला तो यह है आप
अपनी जिंदगी का आनंद लेने के काबिल नहीं है और दूसरा यह है शायद आपको जरुरत ही नहीं है